कावेरी आपको पुकार रही है कृपया उसकी पुकार सुनें
हम जानते हैं कि नदियाँ सूख रही हैं कृपया इन्हें बचाएं..
आपके 42 रुपए मात्र से आप अपनी आने वाले पीड़ी को एक सुन्दर देश दे सकते हैं
पूरी जानकारी के लिए कृपया ये विडियो देखें
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एक समस्या, दो पहलू
हमारे समय की दो सबसे गंभीर समस्याएं आपस में जुड़ी हुई हैं।
कावेरी में पानी की कमी
- पिछले 70 सालों में कावेरी 40 प्रतिशत कम हो गई है।
- लगभग आधी कावेरी नदी घाटी भूमिगत जल के गंभीर संकट से जूझ रही है।
- नदी घाटी में पेड़ 87 प्रतिशत कम हो गए हैं।
- गर्मियों के दौरान कावेरी समुद्र तक नहीं पहुंच पाती।
- साल के कई महीने लाखों लोगों को बस एक उजाड़, रेतीला नदी तल देखने को मिलता है।
किसानों का संकट
- तमिलनाडु और कर्नाटक में किसानों के कष्ट और उनकी आत्महत्याएं राष्ट्रीय स्तर की ख़बरें बनीं।
- तमिलनाडु के 83 प्रतिशत और कर्नाटक के 77 प्रतिशत किसान कर्ज में हैं।
- 2019 में तमिलनाडु के 17 जिले सूखा प्रभावित थे।
- पिछले 18 सालों में से 15 साल कर्नाटक सूखा पीड़ित रहा है।
कावेरी क्यों सूख रही है?
कावेरी में कमी और किसानों के संकट का एक ही स्रोत है – खराब होती मिट्टी।
भारत की लगभग सभी नदियों की तरह कावेरी भी वन पोषित है। पहले यह क्षेत्र जंगलों और वनस्पति से ढंका हुआ था। पशुओं के अपशिष्ट और पौधों के कूड़े से मिट्टी लगातार पोषक तत्वों और जैविक पदार्थों से पोषित होती रहती थी।
जैविक पदार्थ मिट्टी की जल सोखने में मदद करते थे और इस तरह कावेरी में पानी पहुंचता था। मगर जैसे-जैसे लोगों की जनसंख्या बढ़ती है और वनस्पति की संख्या घटती है, मिट्टी को पोषण नहीं मिल पाता। वह जल नहीं सोख पाती, बल्कि उसका कटाव होने लगता है।
मिट्टी अब कावेरी तक जल नहीं पहुंचाती, जो सूखती जा रही है।
सिर्फ एक ही हल
मिट्टी को फिर से उपजाऊ बनाना ही समाधान है। अगर हम मिट्टी में पोषक तत्वों और कार्बन पदार्थ की पूर्ति कर सकें, तो वह एक बार फिर उपजाऊ हो सकती है, बारिश का पानी सोख सकती है और कावेरी तक जल पहुंचा सकती है। यह नदी की पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) को पुनजीर्वित करेगी और साथ ही किसान की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बनाएगी।
मिट्टी को उपजाऊ बनाने का सबसे आसान और सस्ता तरीका पेड़ लगाना है।
- सरकारी जमीन पर, देशी प्रजाति के पेड़ लगाए जा सकते हैं
- निजी जमीन पर, किसान कृषि वानिकी कर सकते हैं, जो पारंपरिक फसलों के साथ उसी खेत में फलों और लकड़ी के पेड़ लगाने की प्रणाली है।
कावेरी पुकारे का लक्ष्य क्या है?
- कावेरी नदी घाटी में 242 करोड़ पेड़ लगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में पहले चरण में 73 करोड़ पेड़ लगाना।
- किसानों की आमदनी को पांच सालों में पांच गुना करना।
- कावेरी नदी घाटी में जल संग्रहण को बढ़ाना।
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